प्रधानमंत्री द्वारा योजना की घोषणा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2025 को लालकिले से स्वतंत्रता दिवस भाषण के दौरान देश के युवाओं को बड़ा तोहफा देते हुए प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना (PM Viksit Bharat Rozgar Yojana – PM VBRY 2025) की घोषणा की। यह योजना खासतौर पर उन युवाओं के लिए शुरू की गई है जो पहली बार निजी क्षेत्र की नौकरी करेंगे। सरकार का उद्देश्य है कि युवा औपचारिक रोजगार की ओर आकर्षित हों और नौकरी में लंबे समय तक बने रहें।
योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य मकसद युवाओं को रोजगार दिलाना और उन्हें नौकरी में टिके रहने के लिए प्रोत्साहित करना है। अब तक अधिकतर युवा सरकारी नौकरियों की तरफ आकर्षित होते थे, लेकिन निजी क्षेत्र को लेकर उनमें स्थायित्व की कमी देखने को मिलती थी। इस योजना के जरिए सरकार चाहती है कि निजी क्षेत्र की नौकरियों को भी युवाओं के लिए सुरक्षित और आकर्षक बनाया जाए। इसके साथ ही यह योजना भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में रोजगार के अवसर बढ़ाने में भी मददगार साबित होगी।
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योजना के लाभ
प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना के तहत यदि कोई युवा पहली बार निजी क्षेत्र में नौकरी करता है तो उसे सरकार की ओर से ₹15,000 की आर्थिक सहायता दी जाएगी। यह राशि एक बार में नहीं बल्कि दो किस्तों में दी जाएगी। पहली किस्त नौकरी में 6 महीने पूरे होने पर और दूसरी किस्त 12 महीने पूरे होने पर सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जमा की जाएगी। इस प्रक्रिया को पूरी तरह से पारदर्शी बनाने के लिए सरकार DBT (Direct Benefit Transfer) प्रणाली का इस्तेमाल करेगी। इस योजना से जहां युवाओं को नौकरी में टिके रहने का प्रोत्साहन मिलेगा वहीं कंपनियों को भी लंबे समय तक स्थायी कर्मचारी मिलेंगे।
पात्रता (Eligibility)
इस योजना का लाभ केवल उन युवाओं को मिलेगा जो पहली बार निजी क्षेत्र में नौकरी करेंगे। आवेदक भारतीय नागरिक होना चाहिए और उसकी नौकरी ऐसी कंपनी में होनी चाहिए जो EPFO (Employee Provident Fund Organization) से पंजीकृत हो। उम्र सीमा को लेकर फिलहाल सरकार ने कोई अंतिम घोषणा नहीं की है लेकिन उम्मीद की जा रही है कि यह योजना 18 से 35 वर्ष तक के युवाओं पर लागू होगी। साथ ही, युवाओं को लगातार कम से कम 12 महीने नौकरी करना जरूरी होगा ताकि उन्हें दोनों किस्तों का पूरा लाभ मिल सके।
आवेदन प्रक्रिया
इस योजना के लिए किसी भी प्रकार का अलग आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी। जिस कंपनी में युवा काम करेगा, वही उसे EPFO में पंजीकृत करेगी। इसके बाद सरकार EPFO के रिकॉर्ड के आधार पर यह सुनिश्चित करेगी कि यह युवा की पहली नौकरी है। 6 महीने और 12 महीने पूरे होने के बाद सरकार की ओर से ₹15,000 की सहायता राशि सीधे बैंक खाते में भेज दी जाएगी। यानी, युवाओं को इसके लिए किसी भी अतिरिक्त प्रक्रिया या दस्तावेज़ी कार्यवाही से नहीं गुजरना पड़ेगा।
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फंडिंग और लक्ष्य
सरकार ने इस योजना के लिए ₹1 लाख करोड़ का बजट तय किया है। इस राशि से लाखों युवाओं को सीधा लाभ मिलने की संभावना है। इससे न केवल युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे बल्कि निजी क्षेत्र की कंपनियों को भी योग्य और स्थायी कर्मचारी मिलेंगे। यह योजना रोजगार के क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाने वाली साबित हो सकती है और देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगी।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना 2025 युवाओं के लिए एक ऐतिहासिक पहल है। इससे न केवल रोजगार बढ़ेगा बल्कि युवाओं को निजी क्षेत्र में टिके रहने और अपने करियर को आगे बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। सरकार का मानना है कि अगर युवाओं को पहली नौकरी में ही आर्थिक सहारा दिया जाए तो वे लंबे समय तक नौकरी से जुड़े रहेंगे और इस प्रकार भारत रोजगार के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की ओर तेजी से कदम बढ़ाएगा।
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